माता वैष्णो देवी के मंदिर जाने से पहले जरूर पढ़े यह कथा Dharam

  09 Jan 2019
माता वैष्णो देवी के मंदिर जाने से पहले जरूर पढ़े यह कथा Dharam

माता वैष्णो देवी के मंदिर जाने से पहले जरूर पढ़े यह कथा Dharam

Mata Vaishno Devi माता वैष्णो देवी से लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए उनके दर्शन के लिए उनके मंदिर जाते हैं. ऐसे में अगर आप भी माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो वहां जाने से पहले उनकी यह कथा जरूर पढ़े. जी हाँ, आप इस कथा को पढ़कर माता वैष्णो देवी के बारे में जान सकते हैं. आइए बताते हैं पौराणिक कथा.

जानिए मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व Makar Sankranti

Mata Vaishno Devi
माता वैष्णो देवी कथा- माँ वैष्णव के सम्बन्ध में जो धार्मिक और पौराणिक कथाये प्रचलित हैं उनमे दो कथाये ही प्रमुख हैं, उनका विवरण नीचे दिया गया हैं: माँ के प्रसिद्ध भक्त श्रीधर ने एक बार सभी देवियो को भोजन करने की सोची, माँ का आर्शीवाद से सभी कन्याये भोजन के लिए आ गयी, माँ वैष्णो देवी भी उन कन्याओं के समझ में बैठकर भोजन करें लगी , सब कुछ बिना बाधा के समपन्न हो गया, भोजन करने के बाद जब सभी कन्याये अपने घर चली गयी तब माँ वैष्णो ने श्रीधर की पूरे गांव को भोजन करने आमंत्रण देकर आने को कहा वापसी में श्रीधर ने गुरु गोरखनाथ और उनके शिष्य बाबा भैरवनाथ को भी भोज पर आमंत्रण दे दिया. Mata Vaishno Devi

पूरे गांव वाले आश्चर्यचकित हो गए. माँ वैष्णो देवी ने सभी को एक पात्र से भोजन कराना शुरू कर दिया , लेकिन बाबा भैरव नाथ ने मांस भक्षण खाने की इच्छा प्रकट की माँ वैष्णो ने कहा ये ब्राह्मण की रसोई हैं यहाँ , मांस नहीं बन सकता , पर बाबा भैरवनाथ ने जिद्द नहीं छोड़ी, बाबा भैरवनाथ ने माँ वैष्णो कन्या को पकड़ना चाहा और माँ उसके कपट को जानकार वायुरूप में माँ त्रिकूट पर्वत पर उड़ चली माँ की रक्षा के लिए हनुमान जी उनके साथ थे, रास्ते में हनुमान जी को प्यास लगने पर माता ने बाण चलकर पहाड़ से जलधारा निकाली , हनुमान जी ने पानी पीकर प्यास बुझाई और माता ने अपने केश उसमे धोये, और इसी स्थान को बाणगंगा के नाम से जाना जाता हैं.

माँ त्रिकूट पर्वत पर गुफा के अंदर पहुंच गयी, भैरवनाथ भी माँ के पीछे पीछे पहुंच गया हनुमान जी ने भैरवनाथ को बताया की तू जिस कन्या के पीछे पड़े हो वो आदिशक्ति जगदम्बा हैं, पर भैरवनाथ ने बात नहीं मानी माँ गुफा के दूसरी तरफ से रास्ता बनाकर निकल पड़ी , यह स्थान अर्ध कुमारी ,गर्भजून या ,आदिकुमारी के नाम से प्रसिद्ध हैं यहाँ अर्ध कुवारी से पहले माँ की चरण पादुकाएं भी हैं जहा उन्होंने भैरव नाथ को देखा था .माँ गुफा के अंदर चली गयी बाहर हनुमान जी भैरव के साथ युद्ध करने लगे, लड़ते लड़ते जब हनुमान जी की शक्ति क्षीण होने लगी तब माता ने गुफा से बाहर निकलकर भैरव से युद्ध किया और उसका मस्तक काट डाला.

माँ जानती थी भैरवनाथ ये सब मोक्ष की इच्छा हेतु कर रहा हैं, भैरवनाथ ने जब माँ से क्षमा की तो माँ ने उसे जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त कर वरदान दिया की मेरे दर्शन के पश्च्यात जब तक भक्त तुम्हारे दर्शन नहीं कर लेंगे तब तक यात्रा उनकी पूरी नहीं मानी जाएँगी .इसी बीच माँ वैष्णवी ने तीन पिंड का आकार लिया और सदा के लिए ध्यानमग्न हो गयी.अपने स्वप्न के आधार श्रीधर गुफा के भीतर गया और माँ की आराधना की माँ ने उसे दर्शन दिए , तभीसे श्रीधर और उसके वंशज माँ वैष्णो देवी की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं.

mata vaishno devi helicopter booking,

mata vaishno devi shrine board room booking,

shri mata vaishno devi katra railway station,

vaishno devi story,

mata vaishno devi weather,

vaishno devi yatra parchi,

mata vaishno devi yatra 2018,

mata vaishno devi video,

Revolutionary Performance: Unveiling the 2021 Model S Lamborghini Revuelto Price & Features Rolex Sky-Dweller 2023 New Watches The Cheapest Tesla Car Model Milgrain Marquise and Dot Diamond Wedding Ring in 14k white Gold