PM नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने आवास पर भाजपा नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक का मकसद पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चा करना था। सूत्रों की मानें तो आने वाले एक हफ्ते के भीतर नए अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा हो सकती है।
इस मीटिंग में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर भी विचार किया गया। अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों के नए अध्यक्षों के नामों का ऐलान हो सकता है। इसके बाद 20 अप्रैल के बाद कभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में होना था, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। जेपी नड्डा जनवरी 2020 से इस पद पर हैं और उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका था। लेकिन लोकसभा चुनाव सहित अन्य बड़े चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल आगे बढ़ा दिया गया।
चुनाव में देरी की 3 वजह…
विपक्षी नैरेटिव की काट खोज रही भाजपा भाजपा के एक नेता ने कहा- जो भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा 2029 का लोकसभा चुनाव उसी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। ऐसे में जरूरी है कि कहीं से यह संदेश न जाए कि संगठन में एक वर्ग की नहीं सुनी जाती या फैसला जबरन थोपा गया है। बीते दस सालों में विपक्ष लगातार यह नैरेटिव गढ़ने का प्रयास कर रहा है।
नई टीम में महिलाओं को 33% जगह संभव भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- नए अध्यक्ष की घोषणा के बाद राष्ट्रीय परिषद व कार्यकारिणी में 33% तक सीटें महिलाओं को दिए जाने का प्लान है। संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। पार्टी के विभिन्न संगठनों में भी महिला भागीदारी बढ़ेगी।
RSS चाहता है विचारधारा के लिए समर्पित युवाओं को मौका मिले संघ इस पर सहमति चाहता है कि भाजपा सहित सभी आनुषांगिक संगठनों में विचारधारा के प्रति समर्पित युवाओं को तरजीह मिले। वैचारिक रूप से अलग होने के बावजूद विचारधारा और संगठन के प्रति समर्पण जिम्मेदारी देने का एकमात्र पैमाना हो। पहली कतार के नेता ऐसा फ्रेम वर्क दें, जिससे कार्यकर्ता भविष्य में विकल्प बन सकें। यह व्यवस्था राष्ट्रीय अध्यक्ष या उनकी टीम तक नहीं, बल्कि पूरी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद तक में हो।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के 8 दावेदार
शिवराज सिंह चौहान: शिवराज सिंह चौहान 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। 4 बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए लाडली बहना योजना शुरू की, जो विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई। ये योजना दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बन गई। 13 साल की उम्र में RSS से जुड़े और इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए। OBC कैटेगरी से हैं। 2005 में मध्य प्रदेश BJP के अध्यक्ष रहे हैं। RSS की लिस्ट में शिवराज सबसे ऊपर हैं।
सुनील बंसल: सुनील बंसल के पास 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी और फिर 2017 में प्रभारी की जिम्मेदारी रहते हुए पार्टी को कामयाबी दिलाई। इसके अलावा ओडिशा, बंगाल और तेलंगाना के प्रभारी के रूप में मिली कामयाबी भी बड़ा प्लस पॉइंट है। सुनील बंसल को UP में BJP का चाणक्य तक कहा गया है। संघ से नजदीकी के साथ-साथ संगठन में भी अच्छी पकड़ है।
धर्मेन्द्र प्रधान: वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री और भाजपा के एक अनुभवी संगठनकर्ता हैं। ओडिशा से आते हैं, जहां BJP अपनी पकड़ और भी ज्यादा मजबूत करना चाहती है। मोदी और शाह की टीम के भरोसेमंद सदस्य। 40 साल का राजनीतिक अनुभव, बड़े OBC नेता है। 14 साल की उम्र में ABVP से जुड़े और 2010 में BJP के राष्ट्रीय महासचिव बने। संगठन में मजबूत पकड़, 2 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा सदस्य बने।
रघुवर दास: रघुवर दास झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने झारखंड में 5 साल का स्थिर शासन दिया, जो राज्य में पहली बार हुआ। उनकी जमीनी कार्यकर्ताओं और भाजपा संगठन में मजबूट पकड़ है। OBC समुदाय से आने के कारण भाजपा को सामाजिक समीकरण में नई बढ़त मिल सकती है। उनकी वजह से पूर्वोत्तर में भाजपा को विस्तार मिल सकता है।
स्मृति ईरानी: कई अहम मंत्रालय संभालने के साथ प्रशासनिक अनुभव है। पार्टी के लिए मजबूत महिला चेहरा। RSS के साथ अच्छे संबंध और हिंदी बेल्ट के साथ दक्षिण भारत में भी प्रभावी।
वानति श्रीनिवासन: वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे में संगठनात्मक कार्यों में उनका अनुभव है। 1993 से भाजपा से जुड़ी हुई हैं। तमिलनाडु में कोयंबटूर दक्षिण सीट से कमल हासन जैसे बड़े नेता को हराया था। तमिलनाडु में भाजपा को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पति श्रीनिवासन विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में परिवार संघ और BJP के काफी करीबी हैं।
तमिलिसाई सौंदर्यराजन: 1999 से भाजपा से जुड़ी हुई हैं। राष्ट्रीय सचिव समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। तमिलनाडु में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष (2014-2019) रह चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी नेताओं में गिनी जाती हैं। तमिलनाडु में भाजपा को विपक्ष में रहते हुए भी पार्टी के विस्तार में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
डी. पुरंदेश्वरी: पूर्व मुख्यमंत्री और TDP संस्थापक एनटी रामाराव (NTR) की बेटी हैं। उन्होंने पहले कांग्रेस में रहकर केंद्रीय मंत्री के रूप में काम किया, फिर BJP में शामिल हुईं। फिलहाल आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हैं। इनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने से पार्टी को तेलुगु राज्यों (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) के जनाधार में फायदा मिल सकता है।
नए BJP अध्यक्ष के सामने होंगे 12 अहम चुनाव
पार्टी के नियम के अनुसार BJP अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है। एक व्यक्ति 2 बार से अधिक पार्टी का अध्यक्ष नहीं बन सकता। ऐसे में अब पार्टी के नए अध्यक्ष को 12 अहम चुनाव अपने कार्यकाल में कराने होंगे।
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