अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में अपनी भूमिका को लेकर दिए गए बयान पर फिर से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक हैरान कर देने वाला दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में योगदान दिया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वह सीधे तौर पर यह नहीं कहना चाहते कि उन्होंने मध्यस्थता की है।
एक कार्यक्रम में अमेरिकी सेना से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने एक ऐसी समस्या को सुलझाने में मदद की जो पिछले सप्ताह भारत और पाकिस्तान के बीच और भी गंभीर होती जा रही थी”।
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को संघर्ष विराम की घोषणा की गई थी। ट्रंप ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। सामान्य ज्ञान और महान बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करने के लिए दोनों देशों को बधाई। अमेरिका ने युद्ध विराम के निर्णय को दोनों देशों की बुद्धिमत्ता और समझदारी बताया। ट्रम्प ने इस निर्णय के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों को बधाई भी दी।
हालाँकि, भारत सरकार ने Donald Trump के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने व्यापार बंद करने की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम लाने में मदद की थी। सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा था कि पाकिस्तान के साथ सैन्य तनाव के दौरान भारत और अमेरिका के बीच किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठाया गया।

Donald Trump की टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि ‘पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण गतिरोध के दौरान भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व संपर्क में थे, लेकिन व्यापार पर कोई चर्चा नहीं हुई।’
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरूआत से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के समझौते तक, उभरते सैन्य हालात पर भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच चर्चा हुई। किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठाया गया। यह टिप्पणी ट्रम्प द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का श्रेय लेने के बाद आई है। जिसमें उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन ने दोनों देशों के बीच पूर्ण और तत्काल युद्धविराम की मध्यस्थता की।
ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से कहा था कि यदि वे युद्धविराम पर सहमत होते हैं तो अमेरिका उन्हें व्यापार में मदद करेगा और यदि वे सहमत नहीं होते हैं तो कोई भी उनके साथ व्यापार नहीं करेगा। इसके बाद दोनों देश युद्ध विराम पर सहमत हो गए।
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