एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शुक्रवार को आयोजित एक व्यापक समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि “कर चोरी एक राष्ट्रीय क्षति है” और इस प्रथा को प्रभावी रूप से रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा एनालिटिक्स के उपयोग को बढ़ाने सहित कड़े उपाय अनिवार्य किए।
UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और मूल्य वर्धित कर (वैट) संग्रह को बढ़ाने के लिए पारदर्शिता बढ़ाएं और एआई तथा अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों को व्यापक रूप से अपनाएं।
यह निर्देश उस समय आया जब विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जीएसटी/वैट से कुल 1.14 लाख करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह की जानकारी दी। वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है। मुख्यमंत्री ने अप्रैल महीने में 9,986.15 करोड़ रुपये के संग्रह को संतोषजनक बताया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगामी महीनों में और बेहतर प्रयासों की आवश्यकता होगी।

मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त आयुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की और जमीनी स्तर की स्थितियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को व्यापारियों के साथ नियमित संवाद बनाए रखने की सलाह दी और फील्ड स्तर पर सामने आने वाली चुनौतियों का तत्परता से समाधान करने का निर्देश दिया। साथ ही, टैक्स रिटर्न दाखिल करने और कर संबंधी प्रक्रियाओं को लेकर समय पर स्पष्ट मार्गदर्शन देने पर भी बल दिया।
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