तुम्हारी हिरनी जैसी आंखें, हंसती हो तो और खूबसूरत लगती हो। मेरी आंखों में आंखें डालकर बात किया करो, जब तक मैं हूं तुम ऐश करोगी। अगर आपको लगता है कि ये कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका से कह रहा है या कोई मजनू किसी लड़की पर फब्तियां कस रहा है तो आप बिल्कुल गलत है। क्योंकि छेड़छाड़ के मामलों में दूसरों को हवालात में बंद करने वाले थानेदार ही अपनी महिला सहकर्मी से ऐसा कहकर इश्क लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
महिला आरक्षकों ने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत भी करी
थानों में ही महिला आरक्षकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करने वाले एक दर्जन मामलों में से तीन मामलों में तो महिला आरक्षकों ने खुद वरिष्ठ अधिकारियों से लिखित में शिकायत भी करी है। लेकिन 6 माह से इन मामलों में पुलिस अपने महकमे के लोगों के खिलाफ अभी तक केवल जांच ही कर रही है। महिला आरक्षक ने कहा कि मामले में थाना प्रभारी के उसी जगह पदस्थ होने के कारण स्टाफ निष्पक्ष बयान नहीं दे पा रहे हैं एवं वरिष्ठ अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं करी जा रही है।
एक से दूसरे थाने में भेजा तो वहां भी की छेड़छाड़
दो अगस्त को एसआई बीडी सिंह को अहमदपुर से हटा कर जावर थाना प्रभारी बना दिया गया था। लेकिन पांच अगस्त को थाना प्रभारी बीडी सिंह थाने में पदस्थ एक महिला आरक्षक के घर पहुंचा और चाय पिलाने की बात करने लगा। बता दें कि जिस समय थाना प्रभारी महिला आरक्षक के घर पहुंचा उस समय आरक्षक घर पर अकेली थी। इसी का फायदा उठाकर थाना प्रभारी उससे भद्दी बातें करने लगा और छेड़छाड़ शुरू कर दी। आरक्षक ने जब इसका विरोध किया तो उसने जान से मारने की भी धमकी दी। महिला आरक्षक की शिकायत पर एसपी ने थानेदार बीडी सिंह को लाइन अटैच कर दिया।
शिकायत के बाद कर दिया जाता है महिला आरक्षकों का तबादला
जिले के कोतवाली और अहमदपुर और जावर थाने में बीते छह माह में तीन महिला आरक्षकों के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले अहमदपुर और कोतवाली थाने में दो महिला आरक्षकों ने भद्दे कमेंटस, द्विअर्थी भाषा का प्रयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाया और इसकी शिकायत दर्ज कराई। हैरानी की बात तो यह है कि शिकायत के बाद न्याय के नाम पर शिकायर्ता महिला आरक्षकों दुसरे थानों में तबादला कर दिया गया था, लेकिन दोषी पुलिसकर्मी पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस आरक्षकों पर अभी तक रिपोर्ट नहीं दर्ज करी गई
शिकायत करने के बाद महिला आरक्षक को थाने से हटा दिया गया। वर्तमान में महिला आरक्षक भोपाल में कार्यरत है। महिला आरक्षक से बयान लिए गए, लेकिन दोषी पुलिस आरक्षकों पर अभी तक न तो रिपोर्ट दर्ज करी और न ही कोई कार्रवाई की गई। आपको बता दें कि मामले की जांच के लिए जिला स्तरीय समिति को गठित करी गई है। आरोपित एसआई को लाइन अटैच कर दिया गया है। साथ ही जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।