अगर, आप देश से बाहर जाना चाहते हैं और वीजा के लिए अप्लाई किया है को सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले दस बार सोचें। बता दें की अगर आप सोशल मीडिया पर कुछ भी ऐसा पोस्ट करते हैं जिससे किसी को तकलीफ हो तो सावधान हो जाइए। क्योंकि आजकल कई देशों की सुरक्षा एजेंसियां और इमीग्रेशन डिपार्टमेंट वीजा देने से पहले आवेदक का सोशल मीडिया प्रोफाइल को स्कैन करता है। वहीँ अगर उनको आवेदक के प्रोफाइल में कोई भी भड़काउ पोस्ट दिखता है तो उनको वीजा नहीं दिया जाता है।
बिना वारंट सुरक्षा अधिकारी कर सकते है डिवाइस के डाटा को स्कैन
बेरी ऐपलमैन एंड लीडन (BAL) ने दुनियाभर की कंपनियों को सलाह दी है कि वो अपने कर्मचारियों को बेहतर तैयारियो के साथ भेजें। जिससे वह सिक्योरिटी ऑफिशियल्स के सवालों का आसानी से जबाब दे देते हैं और कोई उलझन नहीं होती है। वर्तमान अमेरिकी नियम के अनुसार, बिना वारंट सुरक्षा अधिकारी आपके डिवाइस का डाटा को स्कैन कर सकते हैं। इसके साथ ही उनको क्लाउड डाटा को भी स्कैन करने का पूरा अधिकार है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, यूके और अमेरिका में अधिकारी सोशल मीडिया प्रोफाइल भी स्कैन करते हैं।
सोशल मीडिया और वीजा की जानकारी अलग होने पर रद्द हो सकता आवेदन
उदाहरण के तौर पर अगर आपने अमेरिका जाने के लिए वीजा का आवेदन किया है और आपकी सोशल मीडिया जानकारी आवेदन में दी गई जानकारी से मैच नहीं करती है तो आपको वीजा मिलने में दिक्कत हो सकती है। आपके सो़शल मीडिया में पता, पत्नी का नाम आदि नहीं मिलता है तो वीजा ऑथोरिटी पहले आपको इंटरव्यू के लिए बुलाता है। सारी जानकारी मिलने के बाद ही आपको वीजा दिया जाता है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया की जानकारी के आधार पर वीजा जारी करने वाले अधिकारी आपका आवेदन रद्द भी कर सकते हैं। पिछले साल अमेरिका वीजा देने से पहले अधिकारियों ने आवेदक के पिछले 5 साल के सोशल मीडिया प्रोफाइल को स्कैन किया था।