राम मंदिर: सुप्रीम कोर्ट में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ तिरस्कार केस को लेकर याचिका
ram mandir: supreme court mein asaduddeen owaisi ke khilaaph tiraskaar kes ko lekar yaachika
अयोध्या {Ayodhya} पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बयानबाजी को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ओवैसी के बयानों को कोर्ट की प्रतिष्ठा को कम करने और अपमान करने वाला बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। साथ ही उनके बयानों को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और मुसलमानों को भड़काने वाला बताकर कार्रवाई की मांग की गई है।
एंटी-टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के प्रेजिडेंट विरेश सांडिल्य और एक वकील की ओर से जारी याचिका में कहा गया है कि ओवैसी ने अयोध्या में भूमि पूजन से पहले एक न्यूज चैनल पर कोर्ट की पवित्रता और बुद्धिमता को लेकर अपमानजनक बयान दिए।
याचिका में कहा गया है, ”इस कोर्ट के फैसला सुनाने से पहले राम मंदिर का विवाद बहुत लंबे समय से लंबित था, अवमानना करने वाले विवाद को लेकर झूठे और निराधार बयान दे रहे हैं, बिना करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं की परवाह किए, और इस तरह के बयान देकर वे मुस्लिम समुदाय को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।”
याचिका में कहा गया है कि 30 जुलाई को दिए ओवैसी के बयान से करोड़ों भारतीयों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची जिनकी भगवान राम में आस्था है। इसमें कहा गया है, ”राष्ट्रीय टेलीविजन पर यह बयान देकर उन्होंने (ओवैसी) ने सर्वोच्च न्यायलाय का अनादर किया और यह भी दिखाया कि उनका भारत की न्यायिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है।’
याचिका में ओवैसी के खिलाफ अवमानना प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि इन बयानों से ओवैसी ने कोर्ट की बुद्धिमता की निंदा की। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या में विवादित राम मंदिर का रास्ता साफ कर दिया था। साथ ही केंद्र सरकार को 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए आवंटित करने को कहा था।