रक्षा मंत्रालय ने कहा, चीन के साथ गतिरोध लंबे अरसे तक बने रहने की आशंका National Hindi News

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रक्षा मंत्रालय ने कहा, चीन के साथ गतिरोध लंबे अरसे तक बने रहने की आशंका National Hindi News

raksha mantralay ne kaha, cheen ke saath gatirodh lambe arse tak bane rahane kee aashanka National Hindi News

National Hindi News: चीन के साथ मौजूदा गतिरोध के लंबे समय तक बने रहने की आशंका है। रक्षा मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के संबंध में अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह बात कही है। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी अतिक्रमण के बारे में अपडेट दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में ‘चीन द्वारा एकतरफा अतिक्रमण से पैदा हुई स्थिति संवेदनशील बनी हुई है और इस बारे में स्थिति के आधार पर करीबी निगरानी और शीघ्र कार्रवाई की आवश्यकता है।’

मंत्रालय ने कहा कि चीनी अतिक्रमण LAC पर बढ़ रही है और विशेष रूप से 5 मई, 2020 से गलवान घाटी में ज्यादा बढ़ गई है। चीनी पक्ष ने 17 मई और 18 मई को कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट के क्षेत्रों में अतिक्रमण किया है। मंत्रालय ने कहा, ‘इसके परिणामस्वरूप, तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों के सशस्त्र बलों के बीच ग्राउंड लेवल की बातचीत हुई। कोर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग 6 जून 2020 को हुई थी। हालांकि, 15 जून 2020 को दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए।’

इसने आगे बताया कि बाद में दूसरी कोर कमांडर स्तर की बैठक 22 जून, 2020 को सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए हुई। रिपोर्ट में कहा गया, ‘सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत पारस्परिक रूप से स्वीकार्य सर्वसम्मति पर पहुंच रही है, लेकिन वर्तमान गतिरोध लंबे समय तक बने रहने की संभावना है।’ रिपोर्ट यह कहते हुए समाप्त हो गई कि जो हालात बन रहे हैं, उनके आधार पर शीघ्र कदम उठाया जाना चाहिए।

तीसरी बैठक 30 जून को हुई और यह लगभग 12 घंटे तक चली। बैठक के दौरान, स्थिति को स्थिर करने के लिए गतिरोध के सभी विवादास्पद क्षेत्रों पर चर्चा की गई। चीन पैंगोंग त्सो से वापस जाने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन पीछे नहीं हआ। भारत ने फिंगर 8 पर वास्तविक नियंत्रण रेखा का दावा किया है और चीनी फिंगर 4 और फिंगर 5 के बीच हैं। चौथी बैठक 14 जुलाई को हुई, जहां भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने सीमाओं पर सैनिकों को पीछे हटाने के बारे में विचार-विमर्श किया। भारतीय प्रतिनिधियों ने चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को पैंगोंग झील और देपसांग से पूरी तरह से हटने को कहा।

पांचवीं बैठक 2 अगस्त को हुई जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर से हटने को लेकर चीन प्रतिबद्ध नहीं है और भारतीय अधिकारियों ने सशस्त्र बलों को लंबे गतिरोध के मद्देनजर तैयार रहने का निर्देश दिया।

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