पंजाब में नशे के खिलाफ छेड़े गए ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान को अब और तेज किया जा रहा है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मंत्री तरुणप्रीत सोंध के साथ एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि अब तक इस मुहिम के तहत 16,348 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं और 622 किलो हेरोइन बरामद की गई है। साथ ही, 118 ड्रग संपत्तियों को ध्वस्त किया गया है और ₹11 करोड़ नकद जब्त किए गए हैं।
अब इलाज और पुनर्वास पर भी ज़ोर
चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार अब सिर्फ पकड़-धकड़ तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब नशे के शिकार लोगों के इलाज और समाज में वापसी के लिए भी व्यवस्थित योजनाएं लागू की जा रही हैं।
200 साइकोलॉजिस्ट होंगे भर्ती
सरकार नशा पीड़ितों की काउंसलिंग के लिए 200 मनोवैज्ञानिकों (psychologists) की छह महीने के लिए अस्थायी भर्ती करेगी। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को उनके स्थायी पद तैयार करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
हर नशा मुक्ति केंद्र में मनोचिकित्सक की सुविधा
अब राज्य के हर नशा मुक्ति केंद्र, अस्पताल और ओओएटी क्लीनिक में प्रति दिन दो घंटे के लिए psychiatrists (मनोचिकित्सक) तैनात किए जाएंगे। उन्हें हर दिन के ₹3,000 दिए जाएंगे ताकि ज़रूरतमंद मरीजों को काउंसलिंग, इलाज और दवाएं दी जा सकें।
1000 नए बेड और प्राइवेट सहयोग
सरकार ने नशा मुक्ति केंद्रों और ओओएटी क्लीनिकों में 1,000 अतिरिक्त बेड जोड़ने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, प्राइवेट नर्सिंग होम्स और डि-एडिक्शन सेंटर्स के साथ साझेदारी कर के 1,000 और बेड जोड़े जाएंगे, ताकि सरकारी संसाधनों पर बोझ कम हो। इन प्राइवेट सेंटरों में इलाज का खर्च सरकार ही उठाएगी।
स्टाफ की कमी दूर होगी
नशा मुक्ति केंद्रों और स्वास्थ्य संस्थानों में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए, एक हफ्ते में स्टाफ बढ़ाने का पूरा प्रस्ताव तैयार कर लिया जाएगा।
Skill Development की नई शुरुआत
नशे की लत से उबर चुके लोगों को आजीविका के लिए तैयार करने के उद्देश्य से, सरकार अब जेलों और अन्य जगहों पर स्किल डेवेलपमेंट सेंटर्स शुरू करेगी। इससे नशे से बाहर आए युवाओं को व्यावसायिक ट्रेनिंग मिल सकेगी और वे स्वावलंबी जीवन जी सकेंगे।
‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ बना जन आंदोलन
हरपाल चीमा ने कहा कि अब यह लड़ाई सरकार की नहीं, पूरे पंजाब की लड़ाई बन गई है। आम लोग खुद आगे आकर नशा तस्करों की जानकारी दे रहे हैं, और कई नशा पीड़ित स्वेच्छा से इलाज के लिए आगे आ रहे हैं।
विपक्ष पर तीखा हमला
चीमा ने कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा पर आरोप लगाया कि उनके शासन में ही नशे का जाल फैला था। उन्होंने कहा कि आज वही लोग हमारी कोशिशों की आलोचना कर रहे हैं जबकि उन्हें अपने डोप टेस्ट करवा कर खुद नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती होना चाहिए। चीमा ने दावा किया कि सरकार के पास कई वीडियो और फोटो सबूत हैं जो बताते हैं कि कुछ विपक्षी नेता तस्करों को बचा रहे हैं। ये सबूत कोर्ट में पेश किए जाएंगे ताकि दोषियों को सज़ा मिल सके।
जाखड़ और वडिंग पर तंज
चीमा ने सुनील जाखड़, राजा वड़िंग और अकाली नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जाखड़ कभी कांग्रेस में थे, अब भाजपा में हैं, हो सकता है कल को अकाली दल में शामिल होकर उसके अध्यक्ष बन जाएं। उन्हें सिर्फ पद से मतलब है, सेवा से नहीं।”
जनता का साथ जरूरी
हरपाल चीमा ने अंत में कहा, “हमारे मिशन में पंजाब की जनता का सहयोग बहुत जरूरी है। गांव-गांव में लोग अब शपथ ले रहे हैं कि वे नशे के खिलाफ लड़ेंगे। हम सब मिलकर पंजाब को फिर से नशा मुक्त बनाएंगे।”
मुख्य बिंदु एक नज़र में:
- 16,348 गिरफ्तारियां, 622 किलो हेरोइन जब्त
- 118 ड्रग संपत्तियाँ ध्वस्त, ₹11 करोड़ की नकदी बरामद
- 200 मनोवैज्ञानिकों की भर्ती
- 1000 नए बेड सरकारी डि-एडिक्शन सेंटर्स में
- 1000 बेड निजी संस्थानों में, सरकार उठाएगी खर्च
- हर केंद्र में रोज़ 2 घंटे के लिए मनोचिकित्सक
- Skill Development सेंटर, जेलों में भी होंगे
- विपक्ष पर नशा तस्करी में सहयोग के गंभीर आरोप
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