मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में Punjab सरकार ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने प्रमोशनल वेतनमान योजना (ACP) को बहाल कर दिया है, जिसे पिछली कांग्रेस सरकार ने 2021 में बंद कर दिया था। इस फैसले से लगभग 2,500 डॉक्टरों को लाभ मिलेगा और सरकारी अस्पतालों से डॉक्टरों के बीच में नौकरी छोड़ने की समस्या कम होगी।
डॉक्टरों की लंबी मांग पूरी
डॉक्टर लंबे समय से इस योजना को बहाल करने की मांग कर रहे थे। इसे लेकर डॉक्टरों और सरकार के बीच कई दौर की बैठकें हुईं। योजना के बंद होने से डॉक्टरों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा था, जिससे सरकारी अस्पतालों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही थी।
संशोधित कैरियर प्रगति योजना (MACP) के मुख्य बिंदु
Punjab सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार:
यह योजना उन अधिकारियों पर लागू होगी, जिनकी नियुक्ति 17 जुलाई 2020 से पहले हुई थी।
वेतनमान का निर्धारण पंजाब सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2011 के तहत किया जाएगा।
संशोधित योजना 01 जनवरी 2025 से लागू होगी।
योजना को लागू करने के लिए उच्च आयोग सेवा नियमों में संशोधन किया जाएगा।
01 जुलाई 2021 से पहले लागू ACP योजना की अन्य सभी शर्तें इस नई योजना पर भी लागू होंगी।
नए डॉक्टरों के लिए अलग व्यवस्था
7वें केंद्रीय वेतन आयोग और 6वें Punjab वेतन आयोग के अनुसार, वेतन संरचना और स्तर में अंतर होने के कारण, 17 जुलाई 2020 या उसके बाद नियुक्त डॉक्टरों के लिए अलग योजना तैयार की जाएगी।
Punjab सरकार के इस कदम से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की स्थिति मजबूत होगी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा। योजना की बहाली से डॉक्टरों को न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि सरकारी सेवा में बने रहने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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