Punjab सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की अनधिकृत गैरहाजिरी पर कड़ी कार्रवाई के लिए जारी किए नए दिशा-निर्देश।

लुधियाना। Punjab सरकार के वित्त विभाग ने सरकारी कर्मचारियों की अनधिकृत गैरहाजिरी के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी बिना स्वीकृति के लगातार एक साल तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है, तो इसे स्वतः इस्तीफा माना जाएगा, और उसे फिर से सरकारी सेवा में शामिल नहीं किया जाएगा।

वित्त विभाग ने यह निर्देश सभी विभागों, डिवीजन कमिश्नरों, जिला एवं सत्र न्यायाधीशों, डिप्टी कमिश्नरों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को जारी किए हैं। विभाग ने कहा कि कई कर्मचारी बिना उचित अनुमति के लंबे समय तक ड्यूटी से गायब रहते हैं, जिससे सरकारी कार्यों में रुकावट आ रही है। इसके अलावा, यह भी पाया गया है कि कुछ विभाग ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, और कुछ अधिकारी अपनी मर्जी से बिना स्वीकृति के गैरहाजिर कर्मचारियों को दोबारा सेवा में शामिल कर रहे हैं।

वित्त विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि कोई भी कर्मचारी बिना अनुमति के लंबे समय तक अनुपस्थित न रहे। अगर कोई कर्मचारी अनधिकृत रूप से अनुपस्थित होता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए और इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को भी जवाबदेह ठहराया जाए। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। वित्त विभाग की यह सख्ती सरकारी कार्यों में अनुशासन बनाए रखने और सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए है।

अनधिकृत अनुपस्थिति पर सेवा समाप्ति पत्र के अनुसार।

यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी बिना स्वीकृत अवकाश के लगातार एक वर्ष तक ड्यूटी पर अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सेवा को स्वतः समाप्त (डीम्ड रेज़िगनेशन) मान लिया जाएगा। इस अवधि के बाद उसे पुनः सेवा में बहाल नहीं किया जाएगा, और संबंधित अधिकारी को तुरंत आदेश जारी करने होंगे, ताकि उसे सरकारी सेवा से मुक्त किया जा सके।

स्वीकृत अवकाश समाप्ति के बाद हाजिरी रिपोर्ट अनिवार्य।

यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी अपनी स्वीकृत छुट्टी समाप्त होने के बाद समय पर कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होता और बाद में अपनी हाजिरी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, तो इसे केवल तब स्वीकार किया जाएगा जब प्रशासनिक और वित्त विभाग से इसकी स्वीकृति प्राप्त हो।

बिना अनुमति ड्यूटी जॉइन कराने पर अधिकारी जिम्मेदार।

यदि कोई विभाग प्रमुख या अधिकारी बिना उच्च स्तर की स्वीकृति के किसी गैरहाजिर कर्मचारी को ड्यूटी पर पुनः नियुक्त करता है, तो उस अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराया जाएगा। ऐसे मामलों में, कर्मचारी को दी गई सैलरी और अन्य वित्तीय लाभ की भरपाई संबंधित अधिकारी से की जाएगी। इसके अलावा, यदि कोई अधिकारी अपने स्तर पर गैरहाजिर कर्मचारी को ड्यूटी जॉइन करने की अनुमति देता है, तो उसके खिलाफ पंजाब सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 1970 के तहत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

The post Punjab सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की अनधिकृत गैरहाजिरी पर कड़ी कार्रवाई के लिए जारी किए नए दिशा-निर्देश। first appeared on Earlynews24.

​