भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने बुधवार को कहा कि आज के दौर में प्रिसिशन (सटीक निशाना लगाने वाले) हथियारों की वजह से जंग का तरीका पूरी तरह बदल गया है। उन्होंने कहा कि अब दूरी और सुरक्षा का रिश्ता लगभग खत्म हो गया है क्योंकि हमारी सेना ऐसी मिसाइलों और हथियारों से लैस हो चुकी है जो सैकड़ों किलोमीटर दूर तक सटीक हमला कर सकते हैं।
एयर मार्शल दीक्षित, जो फिलहाल चीफ ऑफ इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ हैं, एक सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “स्कैल्प और ब्रह्मोस जैसी प्रिसिशन मिसाइलों ने भौगोलिक सीमाओं को लगभग बेमतलब बना दिया है। अब ‘बियोंड विजुअल रेंज’ (दृष्टि से बाहर) हमले आम हो चुके हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर से मिली अहम सीख
एयर मार्शल ने खास तौर पर ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र किया, जो 7 मई को उस वक़्त शुरू हुआ था जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकियों और सैन्य ठिकानों पर जबरदस्त हमला बोला। ये ऑपरेशन 10 मई तक चला।
इस दौरान भारत ने स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हैमर स्मार्ट वेपन और ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल जैसे अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई में भारतीय सेना ने कुल 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया और करीब 100 आतंकियों को मार गिराया। साथ ही पाकिस्तान के 13 एयरबेस और मिलिट्री इंस्टॉलेशन भी निशाने पर लिए गए।
अब जंग का कोई ‘फ्रंट’ नहीं
एयर मार्शल ने बताया, “पहले जहां तक आंखें देखती थीं, वहीं तक खतरा माना जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब फ्रंट, रियर और फ्लैंक जैसे पारंपरिक युद्ध के कॉन्सेप्ट खत्म हो चुके हैं। पूरा युद्ध क्षेत्र एक हो गया है।”
उन्होंने कहा कि आज अगर कोई देश युद्ध में सफल होना चाहता है तो उसे बहुत मजबूत सर्विलांस (निगरानी) सिस्टम और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक टेक्नोलॉजी पर ध्यान देना होगा। अब जो पहले देखेगा, सबसे दूर देखेगा और सबसे सटीक देखेगा — वही जीतेगा।
भारत के हमलों का दायरा पहले से ज्यादा
बाद में एक पाकिस्तानी दस्तावेज़ से पता चला कि भारत के हमले, जो 7 से 10 मई तक चले, असल में पहले से ज्यादा व्यापक थे। भारत ने ड्रोन की मदद से पाकिस्तान के कई शहरों — जैसे पेशावर, अटॉक, बहावलनगर, गुजरात, झंग, छोर और हैदराबाद — तक हमला किया, जिनका ज़िक्र भारत ने आधिकारिक रूप से नहीं किया था।
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई फेल
पाकिस्तान ने इसके जवाब में ऑपरेशन बुनियान-उल-मरसूश चलाया, जिसे 48 घंटे में भारत को झुकाने का टारगेट दिया गया था। लेकिन भारत की ताकत के सामने यह ऑपरेशन सिर्फ 8 घंटे में फेल हो गया। यह जानकारी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने 3 जून को दी।
एयर मार्शल दीक्षित की बातों से साफ है कि भविष्य की जंग में हथियारों की रेंज और तकनीक सबसे अहम होगी। अब जंग सिर्फ बॉर्डर तक सीमित नहीं है, बल्कि कोई भी देश कहीं से भी हमला कर सकता है — वो भी सटीकता के साथ। यही वजह है कि भारत जैसी ताकतें अब अपनी निगरानी क्षमता और दूर तक मार करने वाले हथियारों पर फोकस कर रही हैं।
मुख्य बातें संक्षेप में:
- स्कैल्प, ब्रह्मोस, हैमर जैसे प्रिसिशन हथियारों से दूरी का कोई मतलब नहीं रहा
- ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने 100+ आतंकियों को मार गिराया, 9 आतंकी शिविर तबाह किए
- पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई 8 घंटे में फेल
- आधुनिक युद्ध में ‘जो पहले देखेगा, वही जीतेगा’
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