dhaga

जानिए क्यों बांधते हैं हाथ में कलावा, कब से चली आ रही है यह पंरपरा Astrology

जानिए क्यों बांधते हैं हाथ में कलावा, कब से चली आ रही है यह पंरपरा Astrology

Astrology शुभ काम करने से पहले हम तिलक या हाथ में कलावा बांधते हैं ये पंरपरा तब से चली आ रही है। जब से महान दानवीरों में अग्रणी महाराज बलि की अमरता के लिए वामन भगवान ने उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था इसको रक्षा सूत्र के रूप में शरीर पर भी बांधा जाता है। ज्योतिष कि माने तो जब इंद्र तृत्रासुर से युद्ध करने जा रहे थे तो इंद्राणी शचि ने उनके हाथ में रक्षा सूत्र बांधा था और वे विजयी भी हुए थे तभी से ये पंरपरा चली आ रही है। वही शास्त्रों में इस बारे में बताया गया है कि कलावा बांधने से त्रिदेव और तीन देवियों की कृपा बनी रहती है। Astrology

श्रीमद्भगवद्गीता, जीवन को बनाती है धन्य Aaj Ka Rashifal, shrimad bhagwat geeta

Astrology
मनुष्य रहते हैं स्वस्थ

शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा की कृपा से कीर्ति और विष्णु की कृपा से अनुकंपा और शिव दुर्गुणों का विनाश करते हैं तीन देवियों यानि लक्षमी से धन, मां दुर्गा से शक्ति और सरस्वती की कृपा से बुद्धि प्राप्त होती है। यदि बात वैज्ञानिय पहलू की करे तो स्वास्थ्य के अनुसार रक्षा सूत्र से कई बीमारियां दूर होती हैं। प्रमुख नियंत्रण हाथ की कलाई में होता है इसलिए यहां कलावा बांधा जाता है इससे मनुष्य स्वस्थ रहते हैं।

कार्यस्थल के बाहर बाँध दे इस रंग का कपडा, होने लगेगी तरक्की

मंत्र का करें जाप

जानकारी के लिए बता दें मौली का धागा कच्चे सूत से बांधा जाता है यह कई रंगों में होता है जैसे लाल, पीला और केसरिया। लोगों कि माने तो इसको बांधने से मनुष्य बुरी नजर से बचा रहता है। इसे बांधने वाला व्यक्ति स्वस्थ रहता है। वही रक्षा सूत्र बांधते समय मंत्र का जाप करें। अविवाहित कन्याओं और पुरुषों को दाएं हाथ में बांधा जाता है और विवाहित महिलाओं के बाएं हाथ में रक्षा सूत्र बांधी जाती है।

astrology compatibility,

astrology horoscope,

free astrology,

indian astrology,