दुनिया भर में बहुत जनजातीय पाई जाती है और हर एक जनजाति में रहन-सहन, परम्पराएं और रीती रिवाज़ अलग-अलग होते हैं।
भारत के मेघालय (Meghalaya) में निवास करने वाली ऐसी ही एक जनजाति है “खासी ट्राइब्स” Khasi Tribe । यह जनजाति उन जनजातियों में से एक है, जहाँ पुरुष की बजाय महिला (मुख्या) प्रधान होती हैं। और सारी संपत्ति मां के नाम पर रहती है। इसके बाद बेटी को ट्रांसफर कर दी जाती है।
महिलाएं कई पुरुषों से शादी कर सकती हैं। इतना ही नहीं, पुरुषों को लड़की के घर जानी की अपने ससुराल में ही रहना पड़ता है। और शादी के बाद बेटी के जन्म होने पर काफी जश्न मनाया जाता है, जबकि बेटे के जन्म लेने पर उतनी खुशी नहीं होती। बच्चों का सरनेम भी मां के नाम पर होता है।
खासी समुदाय में सबसे छोटी बेटी को ही विरासत का सबसे बढ़ा हिस्सा मिलता है। इस कारण से उसी को माता-पिता, अविवाहित भाई-बहनों और संपत्ति की देखभाल भी करनी पड़ती है। छोटी बेटी को खातडुह कहा जाता है। उसका घर हर रिश्तेदार के लिए खुला रहता है।
इस जनजाति में महिलाओं का वर्चस्व है। इसके अलावा, यहां के बाजार और दुकानों पर भी महिलाएं ही काम करती हैं। कुल मिला कर इस जनजाति में परिवार के सारे फैसले लेने में भी महिलाओं को वर्चस्व हासिल है।