चीन की एक बायोटेक्नोलॉजी फर्म ने भारत समेत कई देशों को नकली रैबीज़ वैक्सीन बीच दी है। मामला सामने आने के बाद अब चीन इन वैक्सीन्स वापस ले रहा है।
चीन की एक कंपनी ने प्रतिरोधक क्षमता संबंधी मानवीय मानकों का उल्लंघन करते हुए फर्जी रैबीज़ वैक्सीन बनाक्र दुनिया के कई देशों को बेच दिया है। कंपनी ने जाली दस्तावेजों के आधार पर रैबीज़ के टीके बनाने का लाइसेंस हासिल कर लिया।
नकली रैबीज़ टीके
चीन में पिछले हफ्ते वैक्सीन घोटाले के केंद्र में रही कंपनी चैंगचुन चैंगशेंग बायोटेक्नोलॉजी कार्पोरेशन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस कंपनी ने पहले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नकली वैक्सीन बनाई और फिर उसे भारत सहित कई देशों को बेंच दिया।
अब यह खबर सामने आ रही है कि यह कंपनी 2014 से रैबीज के फर्जी टीके बना रही है। सबसे ज्यादा इस तरह के टीके भारत ने ही खरीदे थे। विशेषज्ञों का मानना है इन टीकों के वजह से बड़ी संख्या में भारतीय रैबीज के संक्रमण में आए होंगे। बता दें कि एक जांच में पाया गया है कि इन टीकों के मामले में मृत्यु दर 2017 तक 100 फीसदी रही है।
चीन सरकार मौन
मीडिया में इस आशय की खबरें आ रही हैं कि इस मामले के सामने आने के बाद भी चीनी सरकार बहुत से देशों के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की हैं। अब तक चीन की सरकार खुलकर कुछ कहने के लिए तैयार नही है।
आरोपी कंपनी चैंगचुन चैंगशेंग ने 16 जुलाई से एक्सपोर्ट की गई वैक्सीन्स को वापस लेना शुरू कर दिया है। वैक्सीन वापस लेने का काम चीन के खाद्य एवं औषधि प्रशासन की निगरानी में हो रहा है।
उधर चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि कार्यालय के साथ संचार बनाए रखा है। चीन की सरकारी मीडिया की तरफ से कहा गया है कि उत्तर-पूर्वी जिलिन प्रांत आधारित चैंगचुन चैंगशेंग ने अप्रैल 2014 से रेबीज वैक्सीन्स का उत्पादन करते हुए राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया।
भारत में हो रही जांच
भारत में इन टीकों के आने की खबर पर दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्रालय में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञों की एक टीम बनाकर इस वैक्सीन की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक चीनी फर्म के द्वारा तैयार की गई रैबीज वैक्सीन्स को वापस भेजने के आदेश दिए गए हैं।