Haryana के हिसार में सोमवार (20 जनवरी) को अलग-अलग खापों की चुनी हुई कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में खाप नेताओं ने एक बड़ा फैसला लेते हुए चेतावनी दी कि अगर 14 फरवरी को केंद्र सरकार और किसानों के बीच होने वाली बैठक में धरती पुत्रों की समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो किसान एक बड़ा आंदोलन करेंगे।
किसान संगठनों के आंदोलन का समर्थन
खाप नेताओं ने कहा, “हरियाणा में अपनी जायज मांगों को लेकर किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को एकसूत्र में जोड़ने का काम खापों ने किया है, और इसी वजह से 26 जनवरी को देशभर में सभी किसान संगठनों की ओर से जोरदार ट्रैक्टर मार्च आयोजित किया जाएगा।”
ट्रैक्टर मार्च में भाग लेने का ऐलान
सभी खापों ने इस ट्रैक्टर मार्च का पूर्ण समर्थन किया है और इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का संकल्प लिया है। बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महम चौबीसी खाप के प्रमुख प्रतिनिधि रामफल राठी, दहिया खाप से जयपाल दहिया, सात बास खाप से बलवान मलिक, खटखड़ खाप के प्रधान हरिकेश खटखड़, सतरोल खाप तपा बास के प्रधान वीरेंद्र बामल, फौगाट खाप से सुरेश फौगाट, हुड्डा खाप के प्रधान ओमप्रकाश हुड्डा और कादयान खाप के प्रधान बिल्लू ने अपनी बातें साझा की।
केंद्र सरकार से खाप नेताओं की प्रमुख मांगें
बैठक में खाप नेताओं ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे अब सिर्फ पत्राचार और मीटिंग से आगे बढ़कर किसानों की प्रस्तावित मांगों को पूरा करें। अगर सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो 14 फरवरी के बाद किसानों का आंदोलन और भी तेज होगा।
किसानों के हित में कार्यक्रम की मांग
खाप नेताओं ने आगे कहा, “संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को किसानों के भले के लिए साझा लड़ाई के कार्यक्रम तय करने चाहिए ताकि किसानों की लंबित मांगों को पूरा किया जा सके।” इसके साथ ही खाप नेताओं ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि पंजाब सरकार की तर्ज पर नेशनल पॉलिसी फ्रेमवर्क ऑन एग्रीकल्चरल मार्केटिंग (NPFAM) के मसौदे को रद्द कर दिया जाए।
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