पहलगाम हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत एयर स्ट्राइक के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान बीते तीन दिनों से राजस्थान, पंजाब और गुजरात की सीमाओं पर लगातार ड्रोन हमले कर रहा है। शुक्रवार को Haryana के अंबाला से लगभग 70 किलोमीटर दूर भी ड्रोन देखे गए। इसके बाद Haryana सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों के स्वास्थ्य विभागों को आपातकालीन हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। सभी मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, और जो कर्मचारी अवकाश पर हैं, उन्हें तुरंत ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, Haryana के 22 जिलों में रोहतक पीजीआई समेत सरकारी अस्पतालों में कुल मिलाकर लगभग 18,000 बेड उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त गुरुग्राम स्थित मेदांता जैसे बड़े अस्पतालों समेत अन्य प्राइवेट संस्थानों में करीब 40,000 बेड की व्यवस्था है। कुल मिलाकर प्रदेश में लगभग 58,000 बेड हैं, जिनमें से 25% यानी लगभग 15,000 बेड को आपात स्थिति के लिए आरक्षित रखने के आदेश दिए गए हैं।

इमरजेंसी के स्थिति में इन सभी अस्पतालों में बेड, दवाइयों, स्टाफ और संसाधनों की व्यवस्था को लेकर क्या व्यापक प्रबंध किए, कैसे हालात से निपटा जाएगा और कैसे दूसरे राज्यों से कोआर्डिनेशन रहेगा, इन्हीं सवालों के जवाब के लिए पढ़िए दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट..
पंचकूला : MCH की नई बिल्डिंग में एक्स्ट्रा बेड डलवाए
पंचकूला में बैकअप के लिए MCH की नई बिल्डिंग में एक्स्ट्रा बेड डलवाए जा रहे हैं। सिविल अस्पताल की ओर से सैटेलाइट अस्पताल भी बनाए हैं, जिनमें इंटरकेयर ट्रीटमेंट की सभी सुविधाएं हैं। ये सैटेलाइट अस्पताल कालका, रायपुर रानी और सेक्टर-26 पॉली क्लिनिक में बनाए गए हैं। ये 24*7 की तर्ज पर काम करेंगे। सुबह डॉक्टर्स यहां तैनात रहेंगे, शाम को स्टाफ नर्स की व्यवस्था की गई है।
पानीपत : 3 धर्मशाला और 1 मॉल अस्थाई अस्पताल के लिए रिजर्व
जिले के 32 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और लगभग 140 निजी अस्पतालों में 3050 बेड आरक्षित किए गए हैं। हर केंद्र में 25 बेड आरक्षित किए हैं। निजी हॉस्पिटलों से सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, न्यूरोलॉजिस्ट और सभी विशेषज्ञों की लिस्ट मांगी गई है, एम्बुलेंस की भी जानकारी ली जा रही है। इसके अलावा जाट धर्मशाला, रोड धर्मशाला, आइओसीएल और एग्रो मॉल को अस्थाई अस्पताल के लिए चिह्नित कर लिया गया है। सभी ब्लड बैंक के संचालकों को ब्लड की कमी पूरी करने को कहा गया है।
सोनीपत : मेडिकल कॉलेज में 10 हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन टैंक तैयार
खानपुर मेडिकल अस्पताल में कुल 650 बेड की व्यवस्था है, जिनमें प्रत्येक वार्ड में 35 बेड हैं। वर्तमान में अस्पताल में 200 डॉक्टर, 300 नर्सें और 1000 अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं। मेडिकल कॉलेज में 10 हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन टैंक भी मौजूद हैं।
इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में मरीजों को रेफर करने के लिए दो एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई गई हैं। सभी वार्डों में स्टाफ की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है और किसी भी वार्ड में स्टाफ की कोई कमी नहीं है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन एचएम) हरियाणा के निदेशक डॉ. जितेंद्र कादियान ने सोनीपत सिविल हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल की हेल्थ व्यवस्थाओं, आपदा प्रबंधन तैयारियों और हेल्थ सेवाओं की गुणवत्ता का बारीकी से जायजा लिया।
गुरुग्राम : अस्पतालों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(SOP) लागू
स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(SOP) लागू कर दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आपात स्थिति के मद्देनजर वॉर रिलीफ टीम बना दी है। जिले में अलग अलग फिल्ड के 50 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को वॉर टीम में शामिल किया गया है। जिलेभर के IMA से जुड़े एक हजार से ज्यादा डॉक्टरों की ब्लड ग्रुप डिटेल ली गई है। अभी 20 प्रतिशत बेड रिजर्व किए गए हैं, लेकिन जरूरत पड़ती है तो प्राइवेट अस्पताल इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देंगे। इतनी ही एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग के हैंडओवर कर दी जाएंगी।
हिसार : तीन माह की दवाइयों का स्टॉक किया
हिसार में मेडिकल कॉलेज अग्रोहा के 573 सहित सभी सरकारी अस्पतालों में कुछ 1322 बेड हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों में 2454 बेड हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सरकारी और निजी अस्पतालों में करीब 25 फीसदी बेड को आपातकालीन हालात के लिए रिजर्व किया गया है। इसकी संख्या करीब 944 बैठती है। इसके अलावा इमरजेंसी को देखते हुए तीन माह की दवाइयों का स्टॉक किया गया है। विभाग के पास 500 तरह की दवाइयां होती है। मगर, इसमें 200 ज्यादा जरूरी होती है। आइवी फ्लूड को भी भारी मात्रा में स्टाक किया गया है। विभाग की तरफ से किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए यह स्टाक मंगवाया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर काम आ सके।
कैथल : हेल्थ स्टाफ की अप्लाई लीव भी कैंसिल की गई
नागरिक अस्पताल में 200 बेड की व्यवस्था की गई है। सभी स्टाफ कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बाहर न जाएं और अपना सेंटर न छोड़े। जो लीव अप्लाई की गई थी, वह कैंसिल कर दी गई है। दवाइयों की पूरी व्यवस्था है। सभी फार्मासिस्ट को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी सूरत में दवाइयां की कमी न होने दें। अस्पताल के सभी डॉक्टरों को भी इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि वे आपात स्थिति के लिए तैयार रहें।
भिवानी : 44 स्पेशलिस्ट डॉक्टर आपात स्थिति के लिए अलर्ट पर
भिवानी जिला अस्पताल में अलग से एक वार्ड रिजर्व किया गया है, जिसमें 30 बेड की व्यवस्था की गई है। वहीं जिला अस्पताल में 300 बेड हैं। इसके अलावा पंडित नेकीराम मेडिकल कॉलेज में 420 बेड हैं, जो आपात स्थिति में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इसके अलावा जिले में 2 ब्लड बैंक (एक सरकारी व एक प्राइवेट) हैं। इनमें कुल 600 यूनिट रक्त रिजर्व की क्षमता है। साथ ही जिला अस्पताल में करीब 1 माह की दवाइयों का स्टॉक भी है। जरूरत पड़ने पर वेयर हाउस से मंगवाई जाती है। फिलहाल कुल 44 स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं,जो आपात स्थिति के लिए अलर्ट पर हैं।
सिरसा : सिविल अस्पताल की बिल्डिंग पर मेडिकल संबंधित लोगो लगाया
सिरसा के सिविल अस्पताल में 50 बेड की अलग से व्यवस्था की गई है। इसके तहत बेड, दवा, वेंटिलेटर और मेडिकल उपकरण आदि अतिरिक्त रखवा दिए हैं। इसके अलावा डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की भी टीम गठित कर दी है। सिविल अस्पताल की बिल्डिंग पर मेडिकल संबंधित लोगो लगाया गया है, जो मरीजों को रात के अंधरे में दिखाई देगा। चिकित्सा स्टाफ की भी व्यवस्था की है। आईएमए के सहयोग से प्राइवेट अस्पतालों में भी पूरी व्यवस्था रहेगी।
कुरुक्षेत्र : HDU में आइसोलेशन वार्ड में 6 बेड लगाए
सुबह LNJP अस्पताल की पहली मंजिल पर HDU में आइसोलेशन वार्ड में 6 बेड लगाए गए। 2 एडवांस समेत 3 एम्बुलेंस को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के आदेश दिए गए हैं। अस्पताल में 31 वेंटिलेटर हैं, जिसमें 6 हाई क्वालिटी के वेंटिलेटर वार्ड में लगाए जा रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड का पूरा स्टाफ आइसोलेशन वार्ड को संभालेगा। इस वार्ड पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। बेसिक मेडिसन से लेकर एडवांस सुविधा वार्ड में उपलब्ध रहेगी। जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड की कुल संख्या करीब 3000 है, जिनमें से 25 फीसदी यानि 767 को इमरजेंसी के लिए रिजर्व रखा गया है।
चरखी दादरी: स्थानीय सिविल अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया
दादरी सिविल अस्पताल में 200 बेड की सुविधा है। इसके अलावा मातृ शिशु अस्पताल में 30 बेड की सुविधा है। वहीं जरूरत पड़ी तो जिले के सीएचसी की सेवा ली जा सकती है। आईएमए से जुड़े 26 डॉक्टरों की लिस्ट दी गई है, जो मदद के लिए तैयार रहेंगे। वहीं स्थानीय सिविल अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया है। अस्थाई ट्रॉमा सेंटर स्थापित किया गया है। ऑक्सीजन के लिए 40 सिलेंडर उपलब्ध हैं और ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। सिविल अस्पताल में 29 वेंटिलेटर की सुविधा है, जिसको ऑपरेट करने के लिए डॉक्टर को ट्रेनिंग दी जा रही है। पर्याप्त मात्रा में यहां आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं।
नूंह : प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध
नूंह के अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा में 5 वेंटिलेटर बेड है। 6 वेंटिलेटर एक्स्ट्रा हैं। अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट हैं, जो चालू हालत में हैं। अस्पताल में 100 बेड की व्यवस्था है। जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या और भी बढ़ा दी जाएगी। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट पर रखा गया है। नलहड़ मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी पहले से ही चालू है। अस्पताल में करीब 45 बेड की इमरजेंसी है। करीब 40 बेड का आइसोलेशन वार्ड है। करीब 35 वेंटिलेटर हैं। प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा है। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए नारायण मेडिकल कॉलेज पूरी तरह से सक्षम है।
अंबाला : सरकारी-निजी अस्पतालों में 1000 बेड रिजर्व किए
अंबाला शहर व अंबाला कैंट अभी इस समय किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। दोनों सरकारी अस्पतालों में 712 और निजी अस्पतालों में 3321 बेड हैं। कुल संख्या 4033 बैठती है, तो 25 फीसदी के हिसाब से करीब 1000 बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही एम्बुलेंसों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। इसके साथ ही कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। इसके साथ ही अंबाला में दो माह का आवश्यक दवाओं का स्टॉक मौजूद है। इसके लिए निजी अस्पतालों में सभी अरेंजमेंट्स कराए गए हैं।
करनाल : बर्न केस के लिए 30 बेड का वार्ड अलग बनाया
करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. महेंद्र गर्ग ने बताया है। हम इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मेडिकल कॉलेज में 560 बेड हैं। एक 30 बेड का वार्ड अलग बनाया गया है, जिसमें बर्निंग के केस से निपटेंगे। ऑप्रेशन थिएटर है, ब्लड की आपूर्ति के लिए ब्लड बैंक को बोला गया है।
दो ब्लड बैंक प्राइवेट हैं और दो सरकारी हैं। इन चारों में ब्लड की स्थिति क्या है, वह डेटा लिया गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन करनाल के प्रेजीडेंट दीपक प्रकाश ने बताया कि एक डिजास्टर कमेटी बनाई गई है, जिसमें 10 डॉक्टर शामिल हैं। इसमें न्यूरोसर्जन, सर्जन, फिजिशियन, बच्चों का डॉक्टर व अन्य तैयार रहेंगे। और यह कमेटी हर टाइम तैयार रहेगी। ब्लड की आपूर्ति को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है।
नारनौल- महेंद्रगढ़: अधिकारियों व कर्मचारियों को भी मुख्यालय न छोड़ने के आदेश
जिला महेंद्रगढ़ के विभिन्न अस्पतालों में करीब 1100 बेड हैं। इनमें से 25 प्रतिशत यानि करीब 300 बेड को रिजर्व कर दिया गया है। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है। जिला अस्पताल में दवाइयों की भी कोई कमी नहीं है। इस बारे में डीसी विवेक भारती ने बताया कि आपरेशन सिंदूर के बाद बने युद्ध जैसे हालातों से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। एक बार मॉकड्रिल भी हो चुकी है। अब लोगों को बचाने व समझाने के दिन हैं। प्रशासन ने ग्राउंड लेवल तक काम किया हुआ है। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को भी मुख्यालय न छोड़ने के आदेश हैं।
अंबाला : करीब 1000 बेड को सुरक्षित किया गया
अंबाला शहर और अंबाला कैंट अभी इस समय किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। इसके लिए अस्पतालों में सभी अरेंजमेंट्स कराए गए हैं। जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 4033 बेड हैं। 25 % के हिसाब से करीब 1000 बेड को सुरक्षित किया गया है। डीसी भी लगातार व्यवस्था को मॉनिटर कर रहे हैं। इसके साथ ही एम्बुलेंसों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। इसके साथ ही अंबाला में दो माह का आवश्यक दवाओं का स्टॉक मौजूद है।

फतेहाबाद : इमरजेंसी में एक कॉल पर तुरंत डॉक्टर आएंगे
फतेहाबाद के जिला नागरिक अस्पताल में सात जगहों पर आपातकालीन हालात से निपटने के लिए व्यवस्था की गई है। अस्पताल में 100 बेड हैं, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में 450 से अधिक बेड हैं, उनको भी आपात स्थिति में रिजर्व रखने के लिए कहा गया है। डॉक्टर्स की छुट्टी पहले ही रद्द हो चुकी हैं। कैजुअल्टी की स्थिति में जरूरी दवाओं को पर्याप्त मात्रा में रख लिया गया है। इमरजेंसी में एक कॉल पर तुरंत डॉक्टर आएंगे। बर्न यूनिट नहीं होने के बावजूद बर्न केसों को फर्स्ट एड देकर अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाएगा। जिले में 60 प्राइवेट डॉक्टर हैं, जिनके पास 10 से लेकर 50 बेड तक के अस्पताल हैं।
जींद : ऑक्सीजन सिलेंडरों से गैस की रेगुलर सप्लाई
जींद में जिला मुख्यालय पर 200 बेड का सिविल अस्पताल है। एमरजेंसी में 28 से 29 बेड की व्यवस्था है। जींद में फिलहाल ऑक्सीजन सिलेंडरों से गैस की रेगुलर सप्लाई आ रही है। कोरोना काल में बनाया गया आक्सीजन प्लांट बजट के कारण बंद पड़ा है। नई बिल्डिंग के पीछे ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का स्टोरेज किया गया है। यहां से पाइप के जरिए नई बिल्डिंग में हर बेड पर आक्सीजन सप्लाई है। दवाओं का स्टॉक 80 प्रतिशत उपलब्ध है। मुख्यालय से दवाओं की डिमांड भेजी गई है। 30 से 35 प्रकार की दवाओं के लिए टेंडर डाला गया है। पुरानी बिल्डिंग में प्रथम तल पर एमरजेंसी में स्पेशल वार्ड की व्यवस्था है।
झज्जर : एम्बुलेंसों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया
झज्जर जिले में गवर्नमेंट हॉस्पिटल के अंदर कुल 530 बेड हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल में कुल 2596 बेड हैं। 21 पीएचसी केंद्र ,दो सरकारी अस्पताल और 6 सीएचसी केंद्र हैं। पीएचसी केंद्र में तो इमरजेंसी सुविधा तैयार की गई है, वहीं प्रत्येक सीएचसी केंद्र में 30 बेड की सुविधा है। इसके साथ ही एम्बुलेंसों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। इसके साथ ही अंबाला में दो माह का आवश्यक दवाओं का स्टॉक मौजूद है।
रोहतक : आपातकाल विभाग के 6 नंबर कमरे में 20 बेड रिजर्व
रोहतक पीजीआईएमएस में इमरजेंसी के 65 बेड और ट्रॉमा सेंटर के 120 बेड आपात स्थिति के लिए मार्क हैं। इसके अलावा, यदि कोई बड़ी घटना होती है तो आपातकाल विभाग के 6 नंबर कमरे में 20 बेड रिजर्व हैं। पर्याप्त मात्रा में ब्लड की यूनिट उपलब्ध हैं, जिसमें 900 से अधिक ब्लड यूनिट स्टोर किए गए हैं। सेंट्रल स्टोर में 750 से अधिक प्रकार के मरीज के इलाज में प्रयोग होने वाले मेडिकल उपकरण और दवाइयां उपलब्ध हैं। इसके अलावा, पीजीआईएमएस ऑक्सीजन के मामले में भी पूरी तरह से आत्मनिर्भर है और 40000 लीटर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक भी संस्थान के पास उपलब्ध हैं।
रेवाड़ी : हर प्रकार के स्टाफ की छुटटी रद्द की गई
रेवाड़ी में सरकारी अस्पतालों में 453 बेड उपलब्ध हैं। वहीं आपात स्थिति में निजी अस्पतालों से 892 बेड भी लिए जाएंगे। रेवाड़ी के CMO डा. नरेंद्र दहिया ने बताया कि इमरजेंसी से निपटने के लिए दवा का पूरा स्टॉक कर लिया गया है। हर प्रकार के स्टाफ की छुटटी रद्द कर उन्हें ड्यूटी पर बुला लिया गया है। उनके पास 29 सरकारी एम्बुलेंस हैं, जबकि जरूरत पड़ने पर निजी क्षेत्र की भी 23 एम्बुलेंस रेवाड़ी में उपलब्ध हैं। रेवाड़ी शहर के ट्रॉमा सेंटर में मौजूद डॉक्टरों को भी 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
पलवल : पलवल सिविल अस्पताल में ही 100 बेड उपलब्ध
पलवल में सरकारी अस्पतालों में 506, निजी अस्पतालों में 596 सहित कुल 1102 बेड उपलब्ध हैं। सीएमओ डॉ. जयभगवान जाटान ने बताया कि पलवल सिविल अस्पताल में ही 100 बेड उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन प्लांट को सुचारु कर दिया गया है। ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में ब्लड उपलब्ध है। अग्रिम आदेशों तक सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। 25 प्रतिशत के हिसाब से सरकारी और निजी अस्पतालों में करीब 250 बेड रिजर्व रखे गए हैं।
यमुनानगर : स्पेशल बर्न यूनिट बनाकर 8 बेड लगाए गए
CMO डॉ. पूनम चौधरी ने डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पुनित कालड़ा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। जिला अस्पताल में दवाइयों का स्टॉक भर लिया है। वहीं 7 ब्लड बैंक में ब्लड का कोटा पूरा कर लिया है। ब्लड डोनर्स की लिस्ट भी तैयार की गई है ताकि जरूरत पड़ने पर और रक्त एकत्रित किया जा सके। CMO ने बताया कि स्पेशल बर्न यूनिट बनाकर उसमें 8 बेड लगाए गए हैं। ऑक्सीजन के सिलेंडर प्रर्याप्त मात्रा में हैं। ऑपरेशन थिएटर फंक्शनल है। सभी सीएचसी में प्रोसिजर रूम बनाए जाएंगे। तीन मोबाइल यूनिट बनाई गई हैं, जो कि स्टैंड बाय पर हैं। जिला अस्पताल में 200 बेड की सुविधा है। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में कुल 550 बेड की सुविधा है। जरूरत पड़ने पर इसे और बढ़ाया जाएगा। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में कुल 1200 बेड हैं।
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