उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर ए ब्लाक की माही वर्मा की गुमशुदगी को आज शनिवार को 35 दिन बीत गए, लेकिन राजधानी की पुलिस आजतक कोई सुराग नहीं लगा पाई है। पुलिस से मिली निराशा से थक-हार कर परिवार ने पिछले हफ्ते प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गृहसचिव और पुलिस मुहानिदेशक को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की है। इसके बावजूद आजतक परिवार को केवल निराशा ही हाथ लगी। पुलिस व सरकार की सुस्ती से परेशान माही के परिजनों ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में योगी सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा किया है।
35 दिन पहले साइकिल चलाने गयी थी माही अब तक नहीं लौटी
माही की मां रीता वर्मा ने कहा कि यूं तो योगी सरकार बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ का नारा देती है, लेकिन उनके ही राज में एक बेबस मां 35 दिन से पुलिस व थाने के चक्कर काटकर थक चुकी है। इसके बावजूद पुलिस व सरकार माही के खोजबीन करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे हुए है। रीता वर्मा ने बताया कि 35 दिन पहले बीते 30 जून को शाम पांच बजे उनकी बेटी माही घर के पास तिकोनिया पार्क पास साइकिल चलाने गई थी।
उसके दो घंटे बाद जब बेटी घर नहीं आई तो उसकी खोजबीन हम लोगों ने शुरू की, लेकिन देर रात तक जब वह नहीं मिली तो गाजीपुर थाने में साढ़े नौ बजे के करीब उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। हालांकि तुरंत हरकत में आई पुलिस ने रात्रि ढ़ाई बजे गुरूकुल एकेडमी स्कूल के पास से माही की साइकिल तो बरामद कर ली, लेकिन बच्ची का आजतक पता नहीं लगा सकी।
लैपटॉप जांच के लिए ले गये लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं
पुलिस ने मेरे घर के लैपटॉप की हार्डडिस्क चेक करने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया, लेकिन आजतक वहां से कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली और न ही पुलिस ने हार्डडिस्क वापस किया है। इसके अलावा मेरे व मेरे पति के मोबाईल को सर्विलांस में पर लगा चुकी है। माही के पिता अरविंद वर्मा ने कहा कि उनको पुलिस की कार्यशैली पर भरोसा नहीं है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को कोसते हुए कहा कि सिर्फ मेरी बेटी की गुमशुदगी का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी मंत्री, विधायक व नौकरशाह की बेटी के साथ हुआ होता तो पुलिस इसी तरह कार्रवाई करती। इस अवसर पर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए नेशनल ह्यूमन राइट वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष नलिनी छाबड़ा ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया।