चाणक्य की नसीहत – शान से जीना है तो छोड़ दें ये शर्म

अक्सर लोग जिंदगी में बड़े-बड़े मुकाम हासिल करना चाहते हैं लेकिन लोगों की रोक-टोक की वजह से वो काम नहीं कर पाते जो वे करना चाहते हैं. समाज में हमे आज तक यही सुनने को मिला हैं कि इंसान को सबकुछ बनना चाहिए लेकिन बेशर्म नही बनना चाहिए. क्योंकि बेशर्मी लोगों के लिए अच्छी नहीं होती. मगर आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर इंसान कुछ चीजों में इंसान को शर्म बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए.

आचार्य चाणक्य की तीन नीति :
आचार्य चाणक्य ने ऐसे 3 कामों के बारे में बताया है जिनको करते समय हमे बेशर्म बनना बहुत जरुरी होता है. अगर शान से जीना हैं तो ये 3 काम करने में आपको बिल्कुल भी शर्म नहीं करनी चाहिए, ऐसा करने में कुछ गलत नहीं होता.

1. खाने मे मत करो शर्म :
चाणक्य के मुताबिक, हम जब भी खाना खाते हैं तो अक्सर शर्म करने लगते हैं और दोबारा मांग भी नहीं पाते. भोजन करते समय इंसान को बेशर्म बनकर अपना पेट भर लेना चाहिए, खासकर जब आपके सामने आपका मनपसंद खाना हो. क्योंकि भोजन के समय शर्म करने वाले इंसान को भुखा भी रहना पड़ता है, इसलिए भोजन करते समय शर्म को दूर छोड़ देना चाहिए.

2. ज्ञान लेने में मत करो शर्म :
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, दूसरा नियम ये है कि अगर आपको कहीं से ज्ञान प्राप्त करना है तो पढ़ाई के समय बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं करिए क्योंकि ऐसा करने से वे कभी भी अच्छा ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता. जो लोग पढ़ाई करते समय शर्म करते हैं वे जिंदगी भर पछताते हैं. इसलिए पढ़ते समय जब तक आपको कुछ समझ नहीं आता सवाल करते रहो.

3. अपने पैसे लेने में मत करो शर्म :
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, तीसरा नियम ये है कि धन कमाने के मामले में शर्म-संकोच करना सबसे हानि वाली बात है. ऐसे में कोई कभी पैसे कमा ही नहीं सकता और ना वे कभी भी अमीर बन सकते हैं. जो व्यक्ति व्यापार में पैसों के लेन-देन में किसी से शर्म करते हैं तो वे ना कुछ बन पाते हैं और ना पैसा कमा पाते हैं. इसलिए हमेशा गरीब बने रहने से अच्छा है कि आप अपने पैसों को मांग लें.