अपनी बेटी पर मोहित हो गए थे ब्रह्माजी, मिला था यह श्राप! Aaj Ka Rashifal
Aaj Ka Rashifal आप सभी को बता दें कि हिंदू ग्रंथों और पुराणों के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश को सृष्टि का निर्माता, पालनकर्ता और संहारक माने जाते हैं लेकिन कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि विष्णु और महेश (शिव जी) के तो दुनियाभर में कई मंदिर हैं वहीं लोग घर में भी इनकी स्थापना कर इनकी पूजा करते हैं लेकिन ब्रह्मा की पूजा कभी नहीं की जाती आखिर क्यों..?Aaj Ka Rashifal
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आप सभी को बता दें कि उनका केवल एक ही मंदिर है, जो पुष्कर में है. इसी के साथ आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों उनकी पूजा नहीं की जाती है. जी दरअसल इससे एक कहानी जुडी हुई है जो इस प्रकार है. क्या है कहानी..? कहानी की मानें तो सरस्वती जी ब्रह्मा जी की बेटी थीं और ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद सरस्वती जी को अपने तेज से उत्पन्न किया था इस वजह से कहते हैं कि सरस्वती जी की कोई मां नहीं थी. वहीं सरस्वती जी को विद्या की देवी कहा जाता है और कहानी के अनुसार सरस्वती माता बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक थीं इस कारण स्वयं ब्रम्हा जी उनकी ओर आकर्षित हो गए और उनके मन में सरस्वती माता से विवाह करने का विचार आ गया था. उनकी इस इच्छा को सरस्वती माता जान गई थीं और वो अपने पिता से विवाह नहीं करना चाहती थीं.
ऐसे में वह ब्रम्हा जी की नजरों से बचने का प्रयास करने लगीं लेकिन उनके ये सभी प्रयास असफल रहे और वह उनकी नजरों में रहीं. काफी प्रयासों के असफल होने के बाद अंत में सरस्वती जी को ब्रह्मा से विवाह करना पड़ा. वहीं ऐसा कहते हैं कि इससे देवलोक में उनकी बहुत आलोचना हुई और यही कारण है कि ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती. इसी के साथ सरस्वती पुराण में बताया गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया और इसी बीच ब्रम्हा और सरस्वती में प्रेम बना रहा और इन दोनों का एक पुत्र भी हुआ.