ब्रह्माण्ड की ये अनोखी बातें जाने हो जाएंगे दंग

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अनोखी दुनिया की बातें – ब्रह्माण्ड में पृथ्वी सबसे सुंदर और अनोखा ग्रह माना जाता है.

ये एक मात्र ग्रह है, जहाँ जल, जीवन, जन्म और प्राकृतिक चीजें मौजूद है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि इसी पृथ्वी पर कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनसे हम अनजान है.

आइए जानते हैं इन अनोखी दुनिया की बातें.

शरीर की अनोखी बाते

हम अपने शरीर से जाने जाते हैं और जीते है. लेकिन फिर भी इस शरीर से जुड़ी कई बातों से हम अनजान है. जैसे एक मनुष्य के दिमाग में इतनी ऊर्जा होती है, जिससे बल्ब जलाया जा सके. हमारा दिल लगभग 30 फीट ऊपर तक खून को उछाल सकता है और शरीर के भीतर रक्त प्रति दिन 1000 चक्कर लगता है.

जमीं की अनोखी बाते

एक द्वीप जिसका नाम टोकेलाऊ है, वहां सौर्य ऊर्जा से बिजली प्राप्त की जाती है.

बर्फीली जमीन के भीतर अंटार्कटिक में 400 से भी अधिक झीलें स्थित है.

लगभग 200 करोड़ से ज्यादा लोग अपने नियमित आहार में कीड़े मकोड़े खाकर पेट भरते है.

कोस्मोपोलिटन सम्बंधित सभी जगहों में ‘ग्रेब्रेस’ नमक पक्षी साफ़ पानी में रहते है और पानी के अंदर ही जीवों का भोजन करते हैं. लेकिन इन पक्षियों में एक अजीब आदत है, जो विज्ञानियों के भी समझ से परे है. यह पक्षी स्वयं के पंख को नोचते है और इन पंखों को अपने छोटे छोटे बच्चों को खिलाते है. अपने माता-पिता का यह व्यवहार देखकर छोटे पक्षी भी अपने पंखों को नोचते और खा लेते हैं.

पानी के अंदर की अनोखी दुनिया की बातें

पानी के अन्दर भी एक अनोखी दुनिया है.

पानी के अंदर जीवों की एक अलग दुनिया होती है, जिनका जीवन अनोखा है. एक केंचुआ एक दिन में अपने शरीर के बराबर वजन का खाना खाते है. डेड सी कभी भी पूरी तरीके से नहीं मरता. यह खारे पानी में भी जीवित रहता है.

पानी के अंदर के ज्यादातर बड़े जीव छोटे जीव को खा जाते हैं और तो और कई जीव अपने बच्चों को तक खा जाते है.

मडस्किपर’ एक मछली की प्रजाति है, जो पानी के बहार धरातल में कई घंटों तक जीवित रहकर भोजन करती है, खेलती है, और कूदती है. यह अपने दो स्पंजी थैलियों में पानी भरकर रख लेती है, जिससे वह अपने गलफड़ों को गीला कर कर के रखती है. साथ ही मुंह खोल कर ऑक्सीजन ले लेती हैं, जिससे उसकी साँसे चलती रहती है .

अंतरिक्ष की बाते.

अंतरिक्ष की दुनिया भी एक अनोखी दुनिया है.

सूर्य का व्यास पृथ्वी से लगभग 109 गुना अधिक है. सूर्य का आकार एक संतरे के बराबर है. पृथ्वी का आकार धूल के कण सामान होगा. सूर्य भी आसमान का एक तारा ही है, जो पृथ्वी से 8 मि. 18 प्रकाश सेकेंड दूरी पर है. सूर्य पृथ्वी के ज्यादा नजदीक होने से अन्य तारों से ज्यादा प्रकाशमान और शक्तिशाली दिखता है.

पृथ्वी से तारों तक की दुरी को सामान्य किलोमीटर या इकाइयों में बता पाना संभव नहीं. इसलिए इसका मापन विशेष प्रकार के पैमाने से किया जाता है, जिसका नाम प्रकाश वर्ष रखा गया है. प्रकाश की किरणें एक वर्ष में जितनी दूरी तय करती हैं, उसे एक प्रकाश वर्ष कहते हैं.

प्रौक्सिमा-सेंटौरी तारा सूर्य के बाद दुसरे नंबर पर पृथ्वी के नजदीक है. व्याध या लुब्धक आसमान में सबसे चमकीला तारा है. इन तारों की दूरी पारसेक से मापी जाती है. एक पारसेक में 3.26 प्रकाश वर्षों के सामान होता है.

आसमान के सब तारे अलग अलग रंगों के होते हैं. लेकिन हमे एक रंग के ही दिखाई देते है. जबकि स्पेक्ट्रमदर्शी से सब भिन्न भिन्न रंग के दिखाई देते है, जो तापमान में परिवर्तन के कारण एक रंग के दिखते है.

सूर्य भी पीले रंग और G वर्ग का एक तारा है.

हावर्ड वेधशाला में वैज्ञानिकों ने उन्नीसवी सदी में तारों को वर्गीकृत किया गया और तारों को O, B, A, F, G, K, M नाम दिया जिसके अनुसार सूर्य को G वर्ग का तारा कहा गया.

यूरेनस ग्रह में 2 मौसम सर्दी और गर्मी रहती हैं, और एक मौसम 42 वर्ष तक बना रहता है.

प्लूटो ग्रह का नाम एक 11 वर्ष की बच्ची जो इंग्लैंड से थी, उसके नाम पर 1930 में रखा गया.

इस अनोखी दुनिया की बातें बहुत सी ऐसी अनोखी बाते हैं, जिनके बारे में हमे कुछ भी नहीं पता और जो पता है वह बाते एक कण के अंश सामान भी नहीं होगी.

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