महाभारत के अनुसार इसलिए होती है सांप की जीभ दो हिस्सों में कटी Ajab Gajab

Ajab Gajab

महाभारत के अनुसार इसलिए होती है सांप की जीभ दो हिस्सों में कटी Ajab Gajab

Ajab Gajab आप सभी को बता दें कि सांप एक ऐसा जीव है, जो हमेशा से लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ रहता है और सभी उसकी पूजा करते हैं. ऐसे में कई लोग आज के समय में भी सांप से डरते हैं. वहीं अनेक ग्रंथों में भी नागों से संबंधित कथाएं पढ़ने को मिलती है. जी हाँ, नागों से जुडी कई कथाएं हैं जो बहुत अजीब है. ऐसे में महाभारत के आदि पर्व में नागों की उत्पत्ति और राजा जनमेजय द्वारा किए गए नागदाह यज्ञ से संबंधित कथा का वर्णन किया गया है. जी हाँ, वैसे यह कथा बहुत ही रोचक है और आज हम आपको नाग वंश की उत्पत्ति से संबंधित वही कथा बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं. Ajab Gajab

माता वैष्णो देवी के मंदिर जाने से पहले जरूर पढ़े यह कथा Dharam

Ajab Gajab
ऐसे हुई नाग वंश की उत्पत्ति – महाभारत के अनुसार, महर्षि कश्यप की तेरह पत्नियां थीं. इनमें से कद्रू भी एक थी. सभी नाग कद्रू की संतान हैं. महर्षि कश्यप की एक अन्य पत्नी का नाम विनता था. पक्षीराज गरुड़ विनता के ही पुत्र हैं. एक बार कद्रू और विनता ने एक सफेद घोड़ा देखा. उसे देखकर कद्रू ने कहा कि इस घोड़े की पूंछ काली है और विनता ने कहा कि सफेद. इस बात पर दोनों में शर्त लग गई. तब कद्रू ने अपने नाग पुत्रों से कहा कि वे अपना आकार छोटा कर घोड़े की पूंछ से लिपट जाएं, जिससे उसकी पूंछ काली नजर आए और वह शर्त जीत जाए. कुछ सर्पों ने ऐसा करने से मना कर दिया.

the mahabharata,fascinating facts mahabharata,snake facts,the mahabharata katha hindi me,jyotish news,dharma news, newstrack, news track live

तब कद्रू ने अपने पुत्रों को श्राप दे दिया कि तुम राजा जनमेजय के यज्ञ में भस्म हो जाओगो. श्राप की बात सुनकर सांप अपनी माता के कहे अनुसार उस सफेद घोड़े की पूंछ से लिपट गए जिससे उस घोड़े की पूंछ काली दिखाई देने लगी. शर्त हारने के कारण विनता कद्रू की दासी बन गई. जब गरुड़ को पता चला कि उनकी मां दासी बन गई है तो उन्होंने कद्रू और उनके सर्प पुत्रों से पूछा कि तुम्हें मैं ऐसी कौन सी वस्तु लाकर दूं जिससे कि मेरी माता तुम्हारे दासत्व से मुक्त हो जाए. तब सर्पों ने कहा कि तुम हमें स्वर्ग से अमृत लाकर दोगे तो तुम्हारी माता दासत्व से मुक्त हो जाएगी.

अपने पराक्रम से गरुड़ स्वर्ग से अमृत कलश ले आए और उसे कुशा (एक प्रकार की धारदार घास) पर रख दिया. अमृत पीने से पहले जब सर्प स्नान करने गए तभी देवराज इंद्र अमृत कलश लेकर उठाकर पुन: स्वर्ग ले गए. यह देखकर सांपों ने उस घास को चाटना शुरू कर दिया जिस पर अमृत कलश रखा था, उन्हें लगा कि इस स्थान पर थोड़ा अमृत का अंश अवश्य होगा. ऐसा करने से ही उनकी जीभ के दो टुकड़े हो गए.

the mahabharata,fascinating facts mahabharata,snake facts,the mahabharata katha hindi me,jyotish news,dharma news, newstrack, news track live

Revolutionary Performance: Unveiling the 2021 Model S Lamborghini Revuelto Price & Features Rolex Sky-Dweller 2023 New Watches The Cheapest Tesla Car Model Milgrain Marquise and Dot Diamond Wedding Ring in 14k white Gold