हरियाणा और पंजाब के बीच जल विवाद को लेकर आज लगातार दूसरे दिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। सोमवार को हुई पहली सुनवाई में अदालत ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB ) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था।
सुनवाई के दौरान हरियाणा के महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य के 200 से ज्यादा जलस्रोत पूरी तरह सूख चुके हैं और पंजाब ने हरियाणा को पानी देना बंद कर दिया है। इस पर पंजाब सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि उसने हरियाणा को उसका तय हिस्सा पानी दे दिया है और अब अतिरिक्त पानी देना संभव नहीं है। वहीं दूसरी ओर, सोमवार को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया, जिसमें छह अहम प्रस्ताव पारित किए गए।
पंजाब-हरियाणा जल विवाद को लेकर हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गई हैं। पहली दो याचिकाएं शनिवार को दायर की गईं। पहली याचिका अधिवक्ता रविन्द्र ढल्ल ने दायर की थी। दूसरी याचिका फतेहाबाद ग्राम पंचायत द्वारा दायर की गई थी।
इन दोनों याचिकाओं में कहा गया है कि पंजाब पुलिस को भाखड़ा बांध से पुलिस हटाने का निर्देश दिया जाना चाहिए। साथ ही, हरियाणा को जल निकासी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए ताकि स्थानीय लोगों को पीने और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। हाल ही में BBMB की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी दिया जाना चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि भाखड़ा से आने वाला पानी हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के लिए जीवन रेखा है। और दो दिन बाद, सोमवार को BBMB ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की। बीबीएमबी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने बांध पर पूरा नियंत्रण कर लिया है। पुलिस कर्मियों ने बांध की सभी नियंत्रण इकाइयों को अपने कब्जे में ले लिया है।
जल विवाद को लेकर पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसमें सीएम भगवंत मान ने कहा कि हम हरियाणा को यह पानी अभी दे रहे हैं, भविष्य में उसे नहीं मिलेगा। हरियाणा की जलापूर्ति रोके जाने और पानी पाकिस्तान जाने के मुख्यमंत्री नायब सैनी के आरोप पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि एक बूंद भी पानी पाकिस्तान नहीं जा रहा है। सत्र में 6 प्रस्ताव पारित किये गये।
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