पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद एक बार फिर से चर्चा में है। पंजाब के CM भगवंत सिंह मान ने हाल ही में नांगल डैम का दौरा किया और इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब की कानूनी स्थिति मजबूत है और राज्य अपने जल संसाधनों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “देश इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन कुछ लोग इन परिस्थितियों में भी अपने हित साधने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि हरियाणा को जल वितरण के मुद्दे पर छह पत्र भेजे गए हैं, जबकि बीबीएमबी ने इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाने का निर्णय लिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बीबीएमबी में पंजाब की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है, और यह संस्था अपेक्षित तरीके से कार्य नहीं कर रही है। ऐसे में, पंजाब को अनावश्यक लागत क्यों उठानी चाहिए?”
यह विवाद पंजाब और हरियाणा के बीच जल संसाधनों के वितरण को लेकर लंबे समय से चल रहा है, और हालिया घटनाक्रम ने इसे और भी जटिल बना दिया है।
हम किसी भी कीमत पर पानी नहीं छोड़ेंगे-मान
पंजाब के जल विवाद के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि जहां तक एवाईएल का सवाल है, वाईएसएल को यह करना चाहिए. जब हमारे पास पानी ही नहीं है तो हम नहर क्यों बनने दें? हमारे पास केवल अपने उपयोग के लिए ही पानी है. इसके अलावा और कुछ नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिलचस्प है कि बीबीएमबी इस मामले को अदालत में नहीं ले जा सका, लेकिन फिर भी बोर्ड चला गया. बीबीएमबी की कॉलोनियों सहित सब कुछ हमारा था और बीबीएमबी हमारे खिलाफ खड़ी थी. वह आज सुबह पानी लेने आया था. पंजाब ने हरियाणा को 200 क्यूसेक पानी छोड़ा. हम किसी भी कीमत पर पानी नहीं छोड़ेंगे.

नांगल डैम से जबरन पानी छोड़ने का प्रयास
आपको बता दें कि बीती रात भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के एक अधिकारी ने नांगल डैम से जबरन पानी छोड़ने की कोशिश की थी. इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. सुबह बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी भी भाखड़ा नांगल बांध पहुंचे, लेकिन उन्हें बांध में प्रवेश नहीं करने दिया गया. इसके बाद वे सतलुज भवन पहुंचे. यहां शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए.
पंजाब सरकार ने बीबीएमबी को लिखा पत्र
वहीं पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के निदेशक (सुरक्षा) को एक पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि जब तक केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में 2 मई को हुई बैठक की कार्यवाही पंजाब जल संसाधन विभाग को उपलब्ध नहीं करा दी जाती, तब तक कोई कार्रवाई न की जाए. उधर, पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार ने कहा कि बीबीएमबी चेयरमैन केंद्र व हरियाणा सरकार की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम बांध से पानी नहीं जाने देंगे.
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में 6 प्रस्ताव पारित
हाल ही में जल विवाद को लेकर पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था. करीब 5 घंटे तक चले इस सत्र के दौरान सभी दलों ने हरियाणा को पानी दिए जाने का विरोध किया. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि हम फिलहाल यह पानी हरियाणा को दे रहे हैं, लेकिन भविष्य में यह नहीं मिलेगा. सत्र में 6 प्रस्ताव पारित किये गये.
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