सुप्रीम कोर्ट में ब्याज पर ब्याज की माफी को लेकर जो केस चल रहा है, उसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए आदेश जारी किया है। इसमें उन लोगों को भी ब्याज पर ब्याज की माफी मिलेगी, जिन्होंने मोरेटोरियम के दौरान यानी इस साल मार्च से अगस्त तक समय पर EMI चुकाई है। RBI के आदेश पर बैंकों को ब्याज पर ब्याज माफी के बारे में सर्कुलर जारी करना होगा। यह ब्याज पर ब्याज माफी 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर लागू होगी। यदि आपने समय पर EMI चुकाई है तो आपको यह फायदा कैशबैक के तौर पर मिलेगा। जानते हैं कि यह फायदा किसे और कैसे मिलेगा?
1. यह ब्याज पर ब्याज का केस क्या है?
दरअसल, कोरोना लॉकडाउन की वजह से सरकार ने रिजर्व बैंक को कहकर सभी तरह के लोन पर एक मार्च से 31 अगस्त तक मोरेटोरियम दिया था। यह छूट दी थी कि मोरेटोरियम पीरियड में EMI नहीं चुकाएंगे तो भी किसी को डिफॉल्टर घोषित नहीं किया जाएगा। फिर सवाल उठा कि यदि EMI नहीं चुकाई तो उस पीरियड का ब्याज प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन में जुड़ेगा। फिर उस ब्याज पर भी ब्याज लगेगा। यह गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में इसी ब्याज पर ब्याज को लेकर पिटीशन दाखिल हुई है।
2. अब ब्याज पर ब्याज को माफ करने की यह स्कीम क्या है?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि ब्याज पर ब्याज में छूट दी जाएगी। इसी को आगे बढ़ाते हुए रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को आदेश दिया है कि मोरेटोरियम पीरियड में ब्याज पर ब्याज न वसूला जाए।
3. मार्च से अगस्त तक EMI नहीं चुकाई है तो क्या होगा?
सरकार ने कोरोना लॉकडाउन की दिक्कतों को देखते हुए राहत दी है, लेकिन EMI माफ नहीं की है। EMI का पेमेंट तो करना ही होगा। इससे आपके लोन का रीपेमेंट शेड्यूल नए सिरे से तय होगा और हो सकता है कि आपको पहले से तय EMI के मुकाबले ज्यादा रकम चुकानी पड़े। फायदा सिर्फ इतना है कि आपको मोरेटोरियम पीरियड में ब्याज पर ब्याज नहीं लगेगा।
4. क्या यह स्कीम सभी तरह के लोन पर लागू होगी?
नहीं। यह स्कीम उस लोन पर लागू होगी, जो 2 करोड़ रुपए से कम के हैं। आपका लोन ऑटो, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर ड्यूरेबल, पर्सनल, क्रेडिट कार्ड और MSME का होना चाहिए। इन्हीं लोन पर ब्याज पर ब्याज की छूट मिलेगी।
5. अगर आपने वक्त पर EMI चुकाई है तो क्या होगा?
फायदा तो तब भी मिलेगा। इसे एक्स-ग्रेशिया कहा जाएगा। आपने EMI वक्त पर चुकाई है तो आपको ब्याज पर ब्याज (कम्पाउंड इंटरेस्ट) और साधारण ब्याज (नॉर्मल इंटरेस्ट) के बीच का जो अंतर है, वह कैशबैक के तौर पर मिलेगा। एक्स-ग्रेशिया का मतलब यह है कि सरकार अपनी मर्जी से आपको यह रकम दे रही है। इसे आपको लौटाना नहीं है, यह एक तरह से सरकार का गिफ्ट है।
6. हमें किस लोन पर कितना फायदा मिलेगा?
यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका लोन क्या है? आपके लोन पर ब्याज दर क्या लग रही है? आपने वह लोन कहां से लिया है? सरल शब्दों में ब्याज पर ब्याज के तौर पर जो कैशबैक मिल रहा है, वह आपके लोन पर बैंकों की ओर से वसूली जाने वाली ब्याज दर पर निर्भर करेगा।
7. फिर भी लोन पर फायदे को कैसे समझ सकते हैं?
मान लीजिए, आपने एक करोड़ रुपए का होम लोन लिया है और आप इस पर 8% सालाना की दर से ब्याज चुका रहे हैं। इस हिसाब से छह महीने में कुल ब्याज बनता है चार लाख रुपए। ब्याज पर ब्याज का अमाउंट बनता है- 16,269 रुपए। नई स्कीम के तहत यह 16,269 रुपए की राशि ही आपको कैशबैक के तौर पर मिलेगी। यह पैसा आपके अकाउंट में 5 नवंबर 2020 तक आ जाएगा।
8. क्या एक्स-ग्रेशिया पर कोई टैक्स लगेगा?
हां। अगर आपके खाते में ऐसी कोई रकम आती है तो इसे इनकम माना जाएगा और इस पर टैक्स यानी TDS लगेगा। यह अगले साल आपको भरना होगा।
9. क्या सभी तरह के लोन पर ब्याज पर ब्याज का लाभ मिलेगा?
नहीं। यह फायदा आपको तभी मिलेगा जब आपने यह लोन किसी बैंक, NBFC या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लिया हो। यदि आपने किसी साहूकार से लोन लिया है तो उस पर आपको कोई राहत नहीं मिलने वाली।
10. इस छूट के लिए कहां अप्लाय करना होगा?
इसके लिए आपको कुछ नहीं करना है। आपने जिससे लोन लिया है, वह ही आपके अकाउंट में इस अमाउंट को एडजस्ट कर देगा। बैंकों में कॉर्पोरेट सेंटर से सेंट्रलाइज्ड कैल्कुलेशन के बाद सभी खातों में पैसा जमा कर दिया जाएगा।