हरियाणा: Drone द्वारा सोनीपत से झज्जर भेजा गया कॉर्निया, 40 मिनट में तय की 65 किलोमीटर की दूरी।

सोनीपत। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर.) ने सोनीपत से झज्जर और दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में Drone
का प्रयोग कोर्निया और एमनियोटिक झिल्ली ग्राफ्ट पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर.) ने नेत्र देखभाल के क्षेत्र में Drone -आधारित कॉर्निया परिवहन की शुरुआत की है। आई.सी.एम.आर. ने दिल्ली स्थित एम्स और सोनीपत के डॉ. श्रॉफ चैरिटी आई अस्पताल के साथ मिलकर सोनीपत और झज्जर में स्थित संग्रह केंद्रों से प्रत्यारोपण के लिए अन्य अस्पतालों तक मानव कॉर्निया और एमनियोटिक झिल्ली ग्राफ्ट जैसे संवेदनशील नेत्र संबंधी बायोमैटेरियल के परिवहन में ड्रोन के उपयोग की क्षमता का मूल्यांकन किया है।

इस अध्ययन के तहत, Drone ने डॉ. श्रॉफ चैरिटी आई अस्पताल से कॉर्नियल ऊतक को झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एम्स) तक सफलतापूर्वक पहुँचाया। दोनों शहरों के बीच लगभग 65 किलोमीटर की दूरी ड्रोन द्वारा केवल 40 मिनट में तय की गई, जबकि सड़क मार्ग से यह दूरी सामान्यतः 2 से 2.5 घंटे में पूरी होती है। Drone ने ऊतक की शुद्धता बनाए रखी और जैसे ही यह पहुँचा, कोर्निया का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया।

यह समय पर ऊतकों का परिवहन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दान किए गए कॉर्निया की उपयोगिता समय-संवेदनशील होती है। इसमें देरी होने से ऊतक की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, जिससे सफल प्रत्यारोपण की संभावना घट जाती है। परिषद के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि ड्रोन भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में समय पर चिकित्सा सामग्री के वितरण के लिए एक विश्वसनीय समाधान प्रदान करते हैं।

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